भारत के प्रचलित कुकिंग ऑयल कौन-कौन से हैं?
कोई भी व्यंजन बनाने के लिए कुकिंग आयल का होना आवश्यक है चाहे सलाद हो या मेन को समय तेल की आवश्यकता होती है परंतु उचित प्रकार के तेल का चुनाव करके आप स्वयं को दिल के रोगों कोलेस्ट्रॉल धमनियों में जहां मोटापे तथा पाचन संबंधी समस्याओं से बचा सकते हैं यह तेल परसों या सब्जियों से प्राप्त किए जाते हैं वनस्पति तेल एक बेहतर स्वस्थ विकल्प है भारतीय बाजार में अनेक वनस्पति तेल मिलते हैं यहां हमने हर तेल से जुड़े लाभ बताने के साथ-साथ यह भी बताया है कि उन्हें कैसे प्रयोग में लाया जाए।
राइस ब्रान ऑयल :-
इसे चावल के बाहरी सख्त खोल से निकाला जाता है यह बहुत तेज जलने पर घुमा देता है या पीले रंग का होता है जो तलने और डीप फ्राई करने के काम आता है राइस ब्रान आयल मोनोसैचुरेटेड तथा पॉलीअनसैचुरेटेड कसा से भरपूर होता है या ट्रांसफर सा से मुक्त है जो कि भारतीयों के लिए अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन द्वारा की गई अनुशंसा के बहुत निकट है राइस ब्रान में ओरिजिनल नामक रसायन पाया जाता है जो कल स्टॉल को स्थिर करने में सहायक होता है विटामिन ई से भरपूर होता है जो हमें कैंसर से बचाता है।
सूरजमुखी का तेल :-
सूरजमुखी का तेल दिल के रोगों से होने वाले खतरे को घटाता है फ्री रेडिकल से लड़ता है और गठिया के रोगियों के लिए भी एक बेहतर विकल्प है यह हमें मलाशय यानी कि कोलोन कैंसर से बचाने के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करता है और नर्वस सिस्टम की कार्य क्षमता में वृद्धि करता है।
मूंगफली का तेल :-
यह एनर्जी प्रदान करता है क्योंकि इसमें मोनोसैचुरेटेड तथा पॉलीअनसैचुरेटेड वसा पाई जाती है इसमें पाए जाने वाले ओमेगा 3 फैटी एसिड हृदय रोगों से बचाने हुए कैंसर से लड़ते हैं अल्जाइमर वन हर्बल संबंधी रोगों में सुधार करते हैं एंटी ऑक्साइड एंड वायरल और फंगल संक्रमण से बचाते हैं वहीं दूसरी और मूंगफली का तेल उच्च तापमान पर दुआ देता है।
सरसों का तेल :-
सरसों का तेल पाचन में सुधार करता उसे खाने से भूख भी खुलकर लगती है यह कीटाणुओं और वायरस से बचा कर रखता है हम में सर्दी जुकाम खांसी होते तो संबंधित समस्याओं से भी बचाता है।
तिल का तेल :-
तिल का तेल तिलों से निकाला जाता है यह पॉलीअनसैचुरेटेड बसा जैसे कि लीनोंने एसिड वह मोनोसैचुरेटेड बसा जैसे ओलिक एसिड और सिचुएटेड वर्षा जैसे कि पोलिंग मिट्टी कैसे डिस्टिक ऐसे तथा अन्य थोड़ी मात्रा में बनने वाले सीट से भरपूर होता है यह तलने पुणे का गहरा तलने के लिए उपयुक्त माना जाता है।
तिल के तेल का स्मोकिंग पॉइंट होता है जिसमें इसमें व्यंजन ताला जा सकता है
एंटीऑक्सीडेंट जिंक कॉपर कैल्शियम से भरपूर होने के कारण यह कैंसर से बचाव करता तथा रक्तचाप को नियंत्रण में रखते हुए दिल की सेहत को सुधार ता है और सूजन घटाता है यह तुझे तो घर वालों को सेहत के लिए जाना जाता और हड्डियों की मजबूती को बढ़ाता है।
बादाम का तेल :-
हल्के रंग के कुकिंग बादाम के तेल को वैद्यसाला टिप के लिए प्रयुक्त किया जाता है यह विटामिन ई का भरपूर स्रोत है या बुरी वसा वाला नहीं होता है और मोनू सैचुरेटेड फैटी एसिड से भरपूर होता है यह हमारे शरीर को फ्री रेडिकल से बचाता है जो कैंसर का कारण बनते हैं यह समय बुढ़ापे पर रोक लगाता है दिल के रोगों से होने वाले खतरे को घटाता है।
ताड़ का तेल :-
यह एक ऐसा वह जायल है जो सिचुएटेड वर्षा से भरपूर है और ताल वृक्ष के फल से निकाला जाता है।
सोयाबीन का तेल :-
सोयाबीन का तेल सोयाबीन के बीज से निकाला जाता है यह पॉलीअनसैचुरेटेड वसा जैसे लीनो ऐसी तथा मोनोसैचुरेटेड बस आप जैसे कि ओलिक एसिड और सचिव रेटेड बस आप जैसे कि पॉली फिटिक एसिड स्टेयरिक एसिड से भरपूर होता है यह फाइटोस्ट्रोल से भरपूर होने के कारण रक्त पहले स्टॉल के सर्व बताता है और इसको विटामिन कोशिकाओं के मेंब्रेन की मजबूती बनाए रखती हैं जिससे वह फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचे रहते हैं इसका विटामिन के मस्तिष्क संबंधी हानि से बचाता है और और रोगों के उपचार का काम करता है।
तोरी का तेल :-
करुणा का तेल सफेद सरसों से निकाला जाता है इसे सबसे सेहतमंद तेल माना जाता है इसमें सचिव रेटेड बसा कम मात्रा में पाई जाती है और यह ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर होता है विटामिन ई से भरपूर एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल से होने वाले खतरे से लड़ता है और हृदय रोग व स्मरण शक्ति में कमी के खतरे को भी घटाता है।
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