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क्या आपने इब्नबतूता के बारे में सुना है

short info :- शेख अबू अब्दुल्ला मोहम्मद इब्नबतूता के नाम से प्रसिद्ध मोरक्को का निवासी था उसका जन्म पत्रिका में पंजीयर में 24 जनवरी सन 1304 इसी में हुआ था वह एक अरब यात्री था जिसने सल्तनत काल के दौरान भारत व अन्य दूसरे पूर्वी देशों की यात्राएं की उसने अपनी यात्रा के दौरान भारत में प्रचलित हालातों का बहुत महत्वपूर्ण वर्णन दिया है 

21 वर्षों की युवावस्था में उसनेअपनी यात्रा प्रारंभ की थी :-

21 वर्षों की युवावस्था में उसने अपनी यात्रा प्रारंभ की  और वह पंजीयर से मक्का पहुंचा आगामी 7 वर्षों के दौरान उसने उत्तरी अफ़्रीका अरेबिया कुस्तुनतुनिया पर्शिया समरकंद खुरासान बल्क और विराट की भी यात्राएं की वसंत 1337 ईस्वी में दिल्ली पहुंचा व सुल्तान के दरबार में गया जो इब्नबतूता के पांडित्य तथा योग्यता से अधिक प्रभावित था

उसने इब्नबतूता को दिल्ली काकाजी नियुक्त कर दिया वह इस पद पर 8 वर्षों तक रहा और दरबारियों तथा अमीरों के साथ उसने अपने अंतर्गत संबंध स्थापित किए दुर्भाग्यवश शानदार 8 वर्षों के जीवन के उपरांत उसने सुल्तान मोहम्मद बिन तुगलक की कृपा दृष्टि को करवा दिया और वह कैद में डाल दिया गया लेकिन अपने विजई निवेदन हो और शमा याचना ओं के कारण छोड़ दिया गया,

भारत में अपने रुकने के दौरान उसने मदुरै के सैयद जलालुद्दीन शाह की पुत्री पूर्ण सन से विवाह कर लिया उसने अपनी पुत्री को जन्म दिया लेकिन बाद में दोनों में अलगाव हो गया वह चीन का राजदूत नियुक्त किया गया और वह मालदीव में वाहन नामक स्थान पर गया जहां उसने बहुत सी लड़कियों से शादियां की और गुलाम लड़कियों के साथ रहा

जब कभी इब्नबतूता यात्रा पर जाता था वह हमेशा गुलाम लड़की के साथ देखा जाता था अपनी यात्राओं के दौरान जहाज के टूट जाने के तथा दूसरे अनदेखे कारणों की वजह से उसे अत्यधिक कष्ट उठाने पड़े लेकिन उसके जीवन की यात्रा का अंत संत 1377 में उसकी मृत्यु के उपरांत हुआ

इब्नबतूता संत 1335 से 1347 ईस्वी तक भारत में रहा इस 14 वर्षों में से 8 वर्ष उसने दिल्ली में बिताए उसने देश के बारे में बड़ी मात्रा में सामग्री तथा सूचना एकत्रित कि उसने अपनी सूचनाओं को उपयोगी बनाया और उसने रिहाला नामक प्रसिद्ध पुस्तक लिखी जो तुगलक कालीन इतिहास विशेषता मोहम्मद बिन तुगलक के शासन काल के बारे में जानने के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है,

इतिहासकार विश्वास करते हैं कि एक विदेशी होने के कारण उसकी प्रवृत्ति पूर्णतया निष्पक्ष थी उसने गटका घटनाओं का भी बयान दिया जैसे उसने देखा था उसे सूचित किया गया था उसने समकालीन सुल्तान के विरोध भी जरा भी चिंता नहीं कि उसने उन सुल्तानों का जिन्होंने मोहम्मद बिन तुगलक के पूर्व भारत में शासन किया था का सारांश ग्रुप में विवरण दिया है

उसने उन सुल्तानों का जिन्होंने मोहम्मद बिन तुगलक के पूर्व भारत ने शासन किया था का सारांश रूप में विवरण दिया है|

क्योंकि उनकी सूचनाओं के स्रोत सभी जीवित व्यक्ति थे जो अलाउद्दीन खिलजी के शासन की घटनाओं के प्रत्यक्ष धरती दर्शित है उसकी घटनाओं का विवरण सत्य पर आधारित था और उस पर विश्वास भी किया जा सकता था

सन 1353 ईस्वी में मोरक्को के पास लौटने के उपरांत व अभियान मरिनी के दरबार में गया मोरक्को के सुल्तान ने उसे उसकी यात्राओं के विवरण लिखने के लिए उत्साहित किया इब्नबतूता के सुल्तान की सलाह का अनुसरण किया और उसने अपनी यात्राओं के विवरण को तैयार किया जिसे आबू अब्दुल्लाह मोहम्मद बिन मोहम्मद को जोशी के नाम से भी जाना जाता था

उसने इब्नबतूता के वृतांत को न केवल संपादित किया और उसका नाम निहारिका रखा यह कठिन 1355 में पूरा हुआ ग्रंथ रिहाना के महत्व पर प्रकाश डालते हुए डॉक्टर ने दी उसे उल्लेखित करते हैं इतना काला इतिहास की अधिकांश सूचनाओं का एक प्रचुर स्रोत है जिनका उल्लेख उसमें मिलता है

इब्नबतूता द्वारा किया गया भारत का वर्णन :-

इब्नबतूता का रिहाला ना केवल भारत की भौगोलिक स्थिति के बारे में सही विवरण दर्शाता है बल्कि अब भारत के लोगों के सामाजिक हालातों तथा रोजमर्रा की जिंदगी यों पर भी प्रकाश डालता है यह प्रशासनिक व्यवस्था के साथ-साथ देश की आर्थिक अवस्था के बारे में भी लिखता है भारत का उसका विवरण तथ्यों की ओर स्पष्ट संकेत करता है कि

उस समय भारत एक समृद्ध साली देश था समकालीन भारत की प्रशासनिक व्यवस्था पर प्रकाश डालते हुए और सुल्तान मोहम्मद बिन तुगलक को एक सेनापति तथा जन नेता के रूप में उसके गुणों को उल्लिखित भी करता है वह विद्रोह के बारे में भी अधिक लिखता है,

जो उसने अपने शासन में अपने शासन से खेले थे भारत का वर्णन तुजुक ए बाबरी की तरह उसने अपनी पुस्तक माला में दिया है देश के भूगोल के बारे में अधिक लिखने के उपरांत उसने हिंदुओं के बारे में लिखा है कि अत्यधिक नैतिक आदर्श रखते हैं भोजन करने से पूर्व स्नान किया करते हैं शाकाहारी थे और शराब का सेवन कभी नहीं करते थे

उसने यह भी लिखा है कि वे अपने शुद्धता को बनाए रखने हेतु मुसलमानों को कभी भी अपने घर नहीं जाने देते थे उसने हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं की बड़ी उदारता से प्रशंसा की है लेकिन दूसरी तरफ से लिखता है कि मोहम्मद बिन तुगलक कुछ मुसलमानों को उनके धर्म के प्रति लापरवाही दंडित किया करता था

के अनुसार सुल्तान के सामूहिक समाज का बहिष्कार करने के लिए 9 मुसलमानों को मार दिया था लेकिन उसने धर्म के सिद्धांतों के प्रति उनकी समर्पण के लिए कानून का पालन कर रहे हैं,2 को अधिक पसंद किया

भारत के लोगों के भोजन तथा परिधान:-

इब्नबतूता अपने रेहला में भारत के लोगों के भोजन तथा परिधान के बारे में भी उल्लेख करता है पर लिखता है किलो गेहूं चावल जो मुंह तथा खुद रुका उपयोग करते थे उसने भारत के व्यक्तियों की चपाती की अत्यधिक प्रशंसा की है और बहुत पतले घास के रूप में उन्हें बताया है|

उसने पराठे का था सीख कबाब मुर्ग मुसल्लम और समोसे की भी प्रशंसा की है वह भी लिखता है कि साईं पहुंचे दृष्टि से अधिक स्वादिष्ट होता है मिठाई दही मक्खन दूध भोजन के बाद परोसा जाता था एक बदूता लिखता है कि जब एक बार नेट पर यह परोस दिया जाता है वह जानता है कि अब कोई पकवान विशेष नहीं मिलेगा हिंदू और मुसलमान दोनों पान खाते थे

इब्नबतूता के अनुसार लोग कस्बों में अधिक समृद्धि से जीते हैं स्वादिष्ट भोजन के अतिरिक्त मध्यकाल के लोग मनोरंजन के बहुत से साधन उपयोग में लाते थे लोग न केवल शौकीन थे बल्कि स्वयं को छुए शिकार बताओ वेश्यावृत्ति में लिप्त रहते थे उसने अपनी कृति में संगीत के उद्देश्या उनके स्थानों या दिल्ली या दौलताबाद में रहते थे के बारे में उल्लेख दिया है

इब्नबतूता ने भारत में औरतों के परिधानों तथा जेब रातों के बारे में भी उल्लेख किया है हिंदू तथा मुसलमान दोनों महिलाएं अलग-अलग प्रकार की प्रधान सामग्री जिससे वह स्वयं को सजाती थी का उल्लेख किया है,

कि उसने एक अंतर दोनों हिंदू मुसलमान महिलाओं के मध्य बताया है कि हिंदू महिलाएं अपने गणेश जाती थी जबकि मुस्लिम औरतें ऐसा नहीं करती थी उत्तर भारत में पर्दा प्रथा प्रचलित थी लड़कियों को तलाक दिया और शादियां की और बहुत से गुलाम लड़कियों के साथ आनंद बनाएं !

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