बिहार के वैभव सूर्यवंशी आईपीएल के सबसे युवा खिलाड़ी बने

shivsankar
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वैभव सूर्यवंशी(13 साल) को IPL के मेगा ऑक्शन में राजस्थान रॉयल्स ने 1.3 करोड़ रुपये में खरीदा

वैभव सूर्यवंशी का आईपीएल में सिलेक्शन होने के बाद ताजपुर में पिता को मिठाई खिलाने के लिए लोग उसके घर पर पहुंच रहे हैं. एक दूसरे को बधाई भी दे रहे हैं. वैभव सूर्यवंशी के पिता संजीव सूर्यवंशी ने कहा कि बचपन से ही उसके लिए मेहनत की जा रही है. उसको शुरू से ही खेलने का शौक रहा है.

बिहार के वैभव सूर्यवंशी आईपीएल के सबसे युवा खिलाड़ी बने
बिहार के वैभव सूर्यवंशी आईपीएल के सबसे युवा खिलाड़ी बने

आईपीएल 2025 में खेलेंगे 13 साल के वैभव सूर्यवंशी

बिहार के समस्तीपुर जिले के ताजपुर गांव में खुशियों का माहौल है. लोग जश्न मना रहे हैं, एक दूसरे को बधाई देने के साथ ही मिठाई खिला रहे हैं. दरअसल, वैभव सूर्यवंशी का इंडियन प्रीमियर लीग में सिलेक्शन होने के बाद लोगों में खुशी है. आईपीएल 2025 के लिए राजस्थान रॉयल्स ने वैभव को एक करोड़ 10 लाख में खरीदा है. वैभव के पिता ने कहा कि बचपन से ही उसे खेलने का शौक था. उसके लिए हम बचपन से ही मेहनत कर रहे हैं. उसके कोच भी उसके लिए मेहनत कर रहे हैं

आईपीएल मेगा ऑक्शन में बोली लगने के बाद ताजपुर में वैभव के पिता को मिठाई खिलाने के लिए लोग उसके घर पर पहुंच रहे हैं. एक दूसरे को बधाई दे रहे हैं. वैभव सूर्यवंशी के पिता संजीव सूर्यवंशी ने कहा कि बचपन से ही उसके लिए मेहनत की जा रही है. उसके कोच बचपन से ही वहीं रहे हैं और खेल में शुरू से अंत तक प्रमुख भूमिका निभाई है. वैभव को बचपन से ही खेलने का शौक रहा है, जैसे ही आईपीएल में उसका सिलेक्शन हुआ और राजस्थान रॉयल्स ने जब उसकी बोली लगाई तो लोगों के चेहरों पर खुशी छा गई. वहीं उनके पिता ने कहा कि वह भी खेल के शौकीन हैं. बचपन से ही वैभव को क्रिकेट खेलने का शौक रहा है.

कोरोना काल में भी नहीं छोड़ा अभ्यास

कोरोना काल में भी कुछ बच्चे यहां पहुंचकर नीचे बने ग्राउंड में खेलने का अभ्यास कराते थे. छत पर भी खेल का अभ्यास कराते रहते थे. एक-एक कहानी बताते हैं आगे बढ़ाने और खेल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने और रास्ता दिखाने का भरपूर प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि वह अब समस्तीपुर ही नहीं बल्कि राज्य और देश का भी नाम रोशन करें. इसके लिए वह हमेशा उसके साथ हैं.

आर्थिक तंगी का किया सामना

वैभव के पिता ने कहा कि आर्थिक तंगी के कारण कई परेशानियों का सामना करना पड़ा. जिसके कारण जमीन भी बेचनी पड़ी और उनका व्यवसाय भी बंद हो गया. कई बार आर्थिक और सामाजिक रूप से भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. इसके बाद भी बच्चों की मदद करने के लिए विपरीत परिस्थितियों में सामना करते रहे. बच्चे के साथ हमेशा सहयोग में उसके पीछे लगे रहे और एक-एक खेल में जैसे-जैसे उसका सेलेक्शन होता गया आगे बढ़ते रहे.

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