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बिहार में जातीय जनगणना के तहत आंकड़े सामने आ गए हैं। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इसे जनता के सामने रखा गया है।
इन आंकड़ों पर बहस शुरू होने लगी है। राज्य की आबादी 13 करोड़ है, जिसमें 81.9 हिंदू और 17.7 मुस्लिम हैं।
Dalit-Mahadalit
जातीय जनगणना के तहत सामने आए आंकड़ों के मुताबिक राज्य में पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग की संख्या सबसे ज्यादा है।
आबादी के नये आंकड़े बताते हैं कि यहां सबसे बड़ी आबादी अन्य पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग की है। दोनों के आंकड़ों को मिला दें तो संख्या 63 फीसदी तक पहुंच जाती है।
वहीं, ब्राह्मणों की संख्या 4 फीसदी, सामान्य वर्ग का आंकड़ा 15.52 फीसदी और 20 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति के लोगों की है।
हिल खरिया, खरवार, खोंड और नगेसिया शामिल हैं। वहीं ऊंची जातियों में भूमिहार, ब्राह्मण, राजपूत, ठाकुर, बरनवाल और पठान शामिल हैं।
अनुसूचित जनजातियों में कौन शामिल हैं?
अब बिहार सरकार ने अपने आंकड़े पेश किये हैं। हालांकि, अन्य राज्यों में यह आंकड़ा अभी सामने आना बाकी है।
Dalit-Mahadalit
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