PRAYAS Scheme : 14 से 18 साल के उम्र बच्चे को मिलेंगे 10 हजार रुपये, जानें- क्या करना होगा….
Prayas Scheme : केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर महिलाओं, बच्चों और बूढ़ो के लिए नई-नई योजनाएं शुरू की जाती है। केंद्र सरकार द्वारा भी पढ़ने वाले छात्रों के लिए एक नई योजना की शुरुआत की गई है जिसका नाम प्रोमोशन ऑफ रिसर्च एटीट्यूड इन यंग एंड एस्पाइयरिंग स्टूडेंट (Prayas Scheme) है।
इस योजना के तहत छात्रों को वैज्ञानिक पद्धति और प्रयोग के बारे में जानकारी दी जाएगी और इस टॉपिक पर रिसर्च करने और खोज करने का अवसर भी प्रदान किया जाएगा। अब NCERT ने अब Prayas Scheme 2023-24 के लिए एक दिशानिर्देश जारी किया है। इस योजना की शुरुआत 10 अक्टूबर से होने वाली है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि Prayas Scheme के तहत हर चयन किए गए शोध प्रस्ताव के लिए 50,000 रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। इस राशि में से 10,000 रुपये की हर छात्र को दी जा रही है। छात्रों को शोध कार्य करने में सहायता प्राप्त करने के लिए भी 20 हजार रुपये दिए जा रहे है और उच्च शिक्षण संस्थान के विशेषज्ञों के लिए 20,000 रुपए दिए जा रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही है। प्रयास योजना (Prayas Scheme) में आप 20 सितंबर तक आवेदन कर सकते हैं जबकि इसका लाभ 10 अक्टूबर से मिलना शुरू हो जाएगा।
क्या है योजना का उद्देश्य
केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही Prayas Scheme का उद्देश्य युवाओं के बीच विज्ञान के बारे में नई-नई चीज सीखना और शोध कार्य के बारे में बताना इसके अलावा नई चिंतन प्रणाली को जागृत करना और उनमें रचनात्मकता विकास करना है। इस योजना के द्वारा व्यक्तिगत रूप से या समूह में अनुसंधान या शोध करने के लिए छात्रों की क्षमता विकास पर जोर देना है। इसमें किसी समस्या का पता लगाना, उसके समाधान की खोज करना और इसके पीछे वैज्ञानिक कारणों का पता करना और खोज करना शामिल है।
कितनी होनी चाहिए आयु
जो भी कोई छात्र Prayas Scheme में भाग ले रहा है उसकी उम्र 14 साल से लेकर 18 साल होना जरूरी है। इसके साथ ही छात्र 9वीं कक्षा से लेकर 11 वीं कक्षा में पढ़ रहा होना चाहिए। इसमें किसी भी स्कूल के छात्र शामिल हो सकते है जबकि एक छात्र या दो छात्र समूह के साथ स्कूल के एक टीचर या किसी उच्च शिक्षण संस्थान के एक विशेषज्ञ शामिल हो सकते है।
1 साल तक की है योजना
आपको बता दें कि इस योजना का कार्यकाल 10 अक्टूबर 2023 से शुरू होगा और अगले साल 9 अक्टूबर 2016 समाप्त हो जाएगा। इसमें एक विज्ञान विषय के शिक्षक को पूरे साल के लिए छात्रों के मार्गदर्शन हेतु नियुक्त किया जाएगा। स्कूलों के नजदीक स्थित किसी उच्च शिक्षण संस्थान के विज्ञान विशेषज्ञ भी छात्रों को तकनीकी एवं प्रायोगिक मार्गदर्शन करेंगे और प्रयोगशाला उपकरणों आदि के बारे में जानकारी देंगे।